आधार जीवा
हात हा हाती असावा
हात हा हाती असावा
संचिताची गूढ भाषा
आज झाली दैवरेषा
झेलता आयुष्य सारे
एक द्या मजला विसावा
| गीत | – | शान्ता शेळके |
| संगीत | – | पं. जितेंद्र अभिषेकी |
| स्वर | – | ज्योत्स्ना मोहिले |
| नाटक | – | हे बंध रेशमाचे |
| गीत प्रकार | – | नमन नटवरा |
No comments:
Post a Comment