आज जिंकिला गौरीशंकर
जयजय भारत भाग्य शुभंकर
जयजय भारत भाग्य शुभंकर
सतत झुंजला तुजसी मानव
आज तुझा जाहला पराभव
तूंच तुझा हा केला गौरव
गर्जति जयजय हे गिरीकंदर
जलीं जिंकिला, स्थलीं जिंकिला
मानवापुढें निसर्ग नमला
तिसरें पाऊल ठेवायाला
बलिराजा हो उदार भूधर
मानबिंदू हा तुंग हिमाचल
पंख झडपितां उठवी वादळ
तरिही झेप घे हा नरशार्दुल
नेपाळाचा वीर धुरंधर
तेनसिंह नाचला थयथया
विशाल देहीं दुबळी काया
तूंच चढविलें माथ्यावर या
जयजय भारत भाग्य शुभंकर
| गीत | – | राजा बढे |
| संगीत | – | गजानन वाटवे |
| स्वर | – | गजानन वाटवे |
| राग | – | शंकरा |
| गीत प्रकार | – | स्फूर्ती गीत |
No comments:
Post a Comment