या जीवा जागवाया । दे माया ।
प्रखर कठिण वाउगा बांधी काया ॥
प्रखर कठिण वाउगा बांधी काया ॥
नयनिंचा तारा उलटा झाला । मिटे कसला ।
जळे मजला अबला रडवाया ॥
| गीत | – | अनंत दामले |
| नाटक | – | संन्याशाचा संसार |
| चाल | – | हो मिया जानेवाले |
| गीत प्रकार | – | नमन नटवरा |
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