ये जवळी घे जवळी
प्रिय सखया भगवंता
वेढुनि मज राहसी का
दूर दूर आता
प्रिय सखया भगवंता
वेढुनि मज राहसी का
दूर दूर आता
रे सुंदर तव तीरी
जग हिरवे धुंद उरी
पातेंही न गवताचे
शोभवी मम माथा
निशिदिनी या नटुनी थटुनी
बघ नौका जाती दुरुनी
स्पर्शास्तव आतुर मी
दुर्लभ तो हाता
चमचमती लखलखती
तव मंदिरी दीप किती
झोपडीत अंधारी
वाचू कशी गाथा
गीत | – | लता मंगेशकर |
चित्रपट | – | माणसाला पंख असतात |
राग | – | यमन |
गीत प्रकार | – | चित्रगीत |
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