ये मौसम है रंगीन | Ye Mausam Hai Rangeen

ये मौसम है रंगीन रे, रंगीन शाम
सनम्‌ ने दिया जो मुहोब्बत से जाम

जादूभरी लुत्फे मय्‌ क्या कहूँ?
रसिली नज़र का असर क्या कहूँ?

हमें आसमाँ से है आया पयाम
खुदा मेहरबाँ हैं, न सागर को थाम

ओ मीनाकुमारी ! तुझे है कसम
पिला के भुला दे ये दुनिया के गम

बहुत प्यास है, और जवानी है कम
जुबाँ पे है दिलबर तेराहि नाम


गीतमधुवंती दांडेकर
सुमन माटे
नाटकमदनाची मंजिरी
गीत प्रकारनमन नटवरा

No comments: