व्यर्थ मीं जन्मलें थोर कुळीं ।
लागला सर्वदा फांस गळीं ॥
लागला सर्वदा फांस गळीं ॥
नच ठावें स्वातंत्र्य कसें तें ।
बंदित वास मुळीं ॥
गीत | – | हिराबाई बडोदेकर |
नाटक | – | संगीत सौभद्र |
चाल | – | शिव शिव फसलो साजणि येउनि |
गीत प्रकार | – | नमन नटवरा |
No comments:
Post a Comment