युवतिमना दारुण रण रूचिर प्रेमसे झाले ।
रणभजना संसारी असे अमर मी केले ॥
रणभजना संसारी असे अमर मी केले ॥
रमणिमनहंसा नर साहस सरसी रमवी
शूर तोचि, विजय तोचि, हे शुभ यश मज आले ॥
गीत | – | रामदास कामत ∙ आशा भोसले |
नाटक | – | संगीत मानापमान |
राग | – | हंसध्वनी |
ताल | – | दादरा |
चाल | – | मनसुकरक |
गीत प्रकार | – | नमन नटवरा, मना तुझे मनोगत |
No comments:
Post a Comment