या प्रणयी ललना मना । ये परकामना ।
आभास दे भयभावना ॥
आभास दे भयभावना ॥
मानमया हृदया अबलेच्या । कटुता ये हताश दीना ॥
| गीत | – | भार्गवराम आचरेकर |
| नाटक | – | स्वयंसेवक |
| राग | – | सूरमल्हार |
| ताल | – | त्रिताल |
| गीत प्रकार | – | नमन नटवरा |
मानमया हृदया अबलेच्या । कटुता ये हताश दीना ॥
| गीत | – | भार्गवराम आचरेकर |
| नाटक | – | स्वयंसेवक |
| राग | – | सूरमल्हार |
| ताल | – | त्रिताल |
| गीत प्रकार | – | नमन नटवरा |
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