आई म्हणोनी कोणी
आईस हाक मारी
ती हाक येइ कानी
मज होय शोककारी
आईस हाक मारी
ती हाक येइ कानी
मज होय शोककारी
नोहेच हाक, माते
मारी कुणी कुठारी
आई कुणा म्हणू मी?
आई घरी न दारी
चारा मुखी पिलांच्या
चिमणी हळूच देई
गोठ्यात वासरांना
ह्या चाटतात गाई
वात्सल्य हे बघुनी
व्याकूळ जीव होई
येशील तू घराला
परतून केधवा गे?
रुसणार मी न आता
जरी बोलशील रागे
आई कुणा म्हणू मी
आई घरी न दारी
स्वामी तिन्ही जगांचा
आईविना भिकारी
गीत | – | कवी यशवंत |
संगीत | – | वसंत देसाई |
स्वराविष्कार | – | ∙ आशा भोसले ∙ जी. एन्. जोशी ( गायकांची नावे कुठल्याही विशिष्ट क्रमाने दिलेली नाहीत. ) |
चित्रपट | – | श्यामची आई |
गीत प्रकार | – | आई, चित्रगीत |
टीप – • स्वर- आशा भोसले, संगीत- वसंत देसाई, चित्रपट- श्यामची आई. • स्वर- जी. एन्. जोशी, संगीत- जी. एन्. जोशी. |
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