आई उदे ग अंबाबाई !
उदे उदे ग अंबाबाई
गुणगान लेकरू गाई
आई उदे ग अंबाबाई
तुळजापूरची तुकाई आई.. गोंधळा ये
कोल्हापूरची लक्षुमी आई.. गोंधळा ये
मातापूरची रेणुका आई.. गोंधळा ये
आंबेजोगाई जोगेश्वरी.. गोंधळा ये
गुणगान लेकरू गाई
आई उदे ग अंबाबाई
आईची मूर्ति स्वयंभु वरी शोभली, सिंहावरी साजरी
सिंहावरी साजरी, हिर्यांचा किरीट घातला शिरी
चंडमुंड महिशासूर आईनं धरून रगडला पायी
आई उदे ग अंबे उदे, उदे
गुणगान लेकरू गाई
आई उदे ग अंबाबाई
आला नवरात्राचा महिना, आळवावा आईचा महिमा
आळवावा आईचा महिमा, त्याला काय सांगावी उपमा?
अहो येळ साधुनी खेळ मांडिला आशीर्वाद दे आई
आई उदे ग अंबाबाई
गुणगान लेकरू गाई
आई उदे ग अंबाबाई
शिवछत्रपतींची शिवाई.. गोंधळा ये
शाहुराजश्रींची अंबाई.. गोंधळा ये
विदर्भनिवासिनी चंडी आई.. गोंधळा ये
महाराष्ट्र कुलस्वामिनी आई.. गोंधळा ये
गुणगान लेकरू गाई
आई उदे ग अंबाबाई
गीत | – | जगदीश खेबूडकर |
संगीत | – | राम कदम |
स्वर | – | राम कदम |
चित्रपट | – | आई उदे ग अंबाबाई |
गीत प्रकार | – | लोकगीत, चित्रगीत, या देवी सर्वभूतेषु |
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