या नव नवल नयनोत्सवा ।
बघुनी मानस हे अनुभवत अभिनवा ।
मोहन कोमल भावा ॥
बघुनी मानस हे अनुभवत अभिनवा ।
मोहन कोमल भावा ॥
रणस्नेहाची, सुंदर युवती । आता करी समाप्ती ।
वाटे अस्त्रचि हे रिपुहाती । जिंकाया मम जीवा ॥
गीत | – | छोटा गंधर्व ∙ प्रभाकर कारेकर |
नाटक | – | संगीत मानापमान |
राग | – | खमाज |
ताल | – | त्रिताल |
चाल | – | या तव बघुनी |
गीत प्रकार | – | नमन नटवरा, नयनांच्या कोंदणी |
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