या भवनातिल गीत पुराणे
मवाळ, हळवे सूर
जाऊ द्या आज येथुनी दूर
मवाळ, हळवे सूर
जाऊ द्या आज येथुनी दूर
भावभक्तिची भावुक गाथा
पराभूत हो नमविल माथा
नवे सूर अन् नवे तराणे
हवा नवा तो नूर
जाऊ द्या दूर जुने ते सूर
गीत | – | पं. वसंतराव देशपांडे ∙ पं. राम देशपांडे |
नाटक | – | कट्यार काळजात घुसली |
राग | – | बिहागडा |
गीत प्रकार | – | नमन नटवरा |
No comments:
Post a Comment